yogguru-ramdev ka swabhimanयोगगुरू-रामदेव का स्वाभिमानबंदे मातरम विरोधियों के सम्मेलनों में जाने से बढ़ता है. अजान से बढ़ता है. ईसाईयत और इस्लाम का समर्थन करने से बढ़ता है. संतों के मुंह में गोमांस ठूसने और साध्वियों के रीढ़ की हड्डी तोड़ने वालों को शहीद घोषित करने से बढ़ता है. नारियों के बलात्कार से और संतों के जेल जाने से बढ़ता है. मुंबई एटीएस वालों ने हमारे आधुनिक दुर्गा साध्वी प्रज्ञा को नंगा किया. उनकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी. हमारे सेनापति पुरोहित का पैर तोड़ दिया. हमारे जगतगुरु स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ के मुहं में गोमांस ठूसने वालों, हेमंत करकरे व अन्य १७ को, योगगुरू रामदेव ने शहीद घोषित किया और ९० लाख रूपये इनाम भी दिए. अब कुटरचित परभक्षी भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३९(ग) व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ को बचाने के लिए ४ जून २०११ से आमरण अनशन पर बैठेंगे. योगगुरू रामदेव के गुरु स्वामी शंकरदेव का १४ जुलाई, २००७ से पता नहीं है. योगगुरू से सोनिया ने यह भी नहीं जानना चाहा कि उनके गुरु कहाँ गए? क्यों? भ्रष्टाचार की जड़ भारतीय संविधान का अनुच्छेद ३९(ग) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ तो योगगुरू रामदेव के अनशन और सत्याग्रह की परिधि में ही नहीं है. योगगुरू बाबा रामदेव कालनेमि के कलयुगी अवतार और सोनिया के एजेंट हैं. देश को धोखा दे रहे हैं. बाबा की नजर में मानव मात्र की सम्पत्ति और पूँजी लूटने वाला भारतीय संविधान का अनुच्छेद ३९(ग) भ्रष्टाचारी नहीं है और न लोकसेवकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ के अंतर्गत संरक्षण दिला कर नागरिकों की सम्पत्तियां लूटने वाली सोनिया भ्रष्टाचारी है. यह कुटरचित परभक्षी भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३९(ग) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ की ही महिमा है कि लूटती सोनिया है और जेल राजा और कलमाडी जाते हैं. दया के पात्र जजों, राज्यपालों और लोक सेवकों के पास कोई विकल्प नहीं है. या तो वे स्वयं अपनी मौत स्वीकार करें, अपनी नारियों का अपनी आखों के सामने बलात्कार कराएँ, शासकों (सोनिया) की दासता स्वीकार करें व अपनी संस्कृति मिटायें अथवा नौकरी न करें. इनके अपराध परिस्थितिजन्य हैं, जिनके लिए भारतीय संविधान उत्तरदायी है. ऐसे भारतीय संविधान को रद्दी की टोकरी में डालना अपरिहार्य है.
योगगुरू बाबा रामदेव भ्रष्टाचार के विरुद्ध नहीं लड़ सकते. सोनिया का विरोध करते ही जेल जायेंगे और पुलिस के इतने डंडे पड़ेंगे कि योग और स्वाभिमान भूल जायेंगे. काबा हमारी है, अजान गाली है, मस्जिद सेनावास हैं और कुरान सारी दुनिया में फुंक रही है. वैदिक सनातन धर्म को मिटाने के लिए सोनिया आतताई इस्लाम को संरक्षण देने की अपराधी है. जिन्हें विश्वास न हो वे हमारे स्वामी असीमानंद, साध्वी प्रज्ञा और जगतगुरु अमृतानंद का हाल देख लें. हमारे विरुद्ध कोई प्रमाण नहीं है, फिर भी हम सोनिया द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं. नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें. http://www.aryavrt.com/malegaon-ka-sach हमारे परिवार दाने दाने के लिए मुंहताज हैं. किसी के पास साहस नहीं जो हमारी सहायता कर सके. उसे सोनिया बर्बाद कर देगी. सोनिया के पास वैदिक सनातन धर्म को मिटाने के लिए ईश्वरीय आदेश भी है (बाइबल, लूका १९:२७) और संवैधानिक अधिकार भी. भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१). जिन्हें बचना हो सोनिया को बंदी बनाने में आर्यावर्त सरकार की सहायता करें. http://www.indianexpress.com/news/ramdevs-guru-missing-letter-adds-to-myster/205763/ http://www.thaindian.com/newsportal/world-news/kin-of-martyrs-of-mumbai-attacks-honoured-in-capital_100131300.htmlhttp://www.thaindian.com/newsportal/world-news/kin-of-martyrs-of-mumbai-attacks-honoured-in-capital_100131300.html कांची कामकोटि के पीठाधीश्वर जयेन्द्र को जय ललिता ने दीपावली के दिन जेल भेज दिया. सोनिया ने हमारे १२ अधिकारियों को २००८ से जेल में बंद कर रखा है. क्यों कि हम रोम राज्य के विरोधी हैं. अजान, नमाज और मस्जिद के विरोधी हैं. अब जय ललिता फिर सत्ता में है. सोनिया से फोन पर जय ललिता की बात हो गई है. अतएव तमिलनाडु के सभी संतों महंथों की फांसी पक्की. तमिलनाडु के सभी मंदिर जेहोवा और अल्लाह की आज्ञा से तोड़ डाले जायेंगे. कोई मंदिर रह नहीं सकता. (बाइबल, व्यवस्था विवरण १२:१-३, अजान व कुरान १७:८१). देगंगा में अपने सांसद हाजी नूरुल इस्लाम के नेतृत्व में नारियों का बलात्कार कराने के बदले में ममता बंगाल की मुख्य मंत्री बनी हैं. ममता सोनिया की सहयोगी हैं. अतः अब मुसलमानों को पश्चिम बंगाल के नारियों के बलात्कार की सुविधा है ममता के ओर से भी, सोनिया के जेहोवा के ओर से भी (बाइबल, याशयाह १३:१६) और अल्लाह के ओर से भी. (कुरान २३:६). http://en.wikipedia.org/wiki/2010_Deganga_riots हम अभिनव भारत और आर्यावर्त सरकार के लोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३९(ग) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९७ को समाप्त करेंगे और अनुच्छेद ३१ को पुनर्जीवित करेंगे. जनता निर्णय करे कि वह किसके साथ है? हम बाइबल, कुरान और भारतीय संविधान के विरोधी अभिनव भारत के बागी हैं. और योगगुरू रामदेव सनातन धर्म और संतों के शत्रु हैं. किसके साथ हैं आप? अयोध्या. |