Letter No. Pension IDUKSS 15930y Dated: Wednesday, September 30, 2015 प्रेषक:- अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी पुत्र स्व० श्री वेनी माधव त्रिपाठी , मंगल आश्रम, टिहरी मोड़, मुनी की रेती, टिहरी गढ़वाल, २४९१३७, उत्तराखंड, (मो. ९१५२५७९०४१ )
सेवा में , श्री आनन्द वर्द्धन जी , सचिव उत्तराखंड शासन ,
विषय :- अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी, तत्कालीन कनिष्ट अभियंता ( यांत्रिक ) के अंतरिम पेन्सन के सम्बन्ध में |
सन्दर्भ :- आपका पत्र स० 1464 / I I -2015 -01 (09) / 2015 दिनांक 21 – 09 – 2015 एवं उप्र का पत्रांक ८८ दिनांक ०८/०१/२०१५ (प्रतिलिपि संलग्न)
आदरणीय महोदय, मुझे पेंसन उत्तराखंड से ही देय है, क्योंकि प्रार्थी दि० ०८.०३.१९८३ को विष्णुःप्रयाग निर्माण खंड -३, जोशीमठ में सर्विस जोइन करने के बाद किसी भी दूसरे खंड में गया ही नहीं | प्रार्थी को ट्रांसफर पर जाने के आदेश दिये गये थे पर वेतन का बकाया भुगतान मिलने तक मैने लिखकर आदेश मानने से इसलिए मना कर दिया था कि धन के बिना कहीं भी जाना मेरे लिये मुमकिन ही नहीं था | अगर प्रार्थी अपराधी था तो उसी समय प्रार्थी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही विभाग को करनी थी या प्रार्थी को ‘ भगोड़ा ‘ घोषित करके समाचार पत्र में पबलिश कर देना था | उत्तर प्रदेश को बीच में लाने का कोई भी औचित्य नहीं है | ऐसा ही उप्र ने पत्रांक ८८ से पहले ही लिखकर दे दिया है. मेरी सर्विस बुक भी ‘ उत्तराखंड ‘ ने ही गायब की है | जो भी देरी हुई है वह सब आज के उत्तराखंड में ही हुई है | मेरा अनुरोध है कि मुझे ०१.११.२००० से अंतरिम पेंसन , जो भी कम से कम बनती हो , जल्दी से जल्दी आप देने की कृपा करें | भवदीय
( अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी )
प्रतिलिपियां सचिव सिचांई उप्र., प्रमुख अभियंता यांत्रिक, मुख्य अभियंता एवं विभागाध्यक्ष एवं अधीक्षण अभियंता, सिचाई निर्माण मंडल श्रीनगर.
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