Mujahana•
Bilingual-Weekly• Volume 19 Year 19 ISSUE 41, Oct 10-16, 2014. This issue is Muj14W41Y AATMGHATI MHAMHIM Muj14W41Y AATMGHATI MHAMHIMमहामहिम जी! क्या आपको आतताइयों की दासता करने में लज्जा नहीं आती? क्या धरती पर मानवजाति बचेगी? “न मे स्तेनो जनपदे न कदर्यो न मद्यपः । “नानाहिताग्निर्नाविद्वान्न स्वैरी स्वैरिणी कुतः ॥“ (छान्दोग्योपनिषद ५/११/५) ‘मेरे राज्यमें न तो कोई चोर है, न कोई कृपण है, न कोई मदिरा पीनेवाला है, न कोई अनाहिताग्नि (अग्निहोत्र न करनेवाला) है, न कोई अविद्वान् है और न कोई परस्त्रीगामी ही है, फिर कुलटा स्त्री (वेश्या) तो होगी ही कैसे?’ क्या आज धरती पर ऐसा राजा है? मैने ज्ञान के वृक्ष का फल खा लिया है| (बाइबल, उत्पत्ति २:१७) व (कुरान २:३५). अतः मेरे लिए मूर्खों के स्वर्ग का दरवाजा सदा के लिए बंद हो गया है| मैं मानवमात्र को नपुंसक बनाने वाले जेहोवा को ईश्वर नहीं मानता. (बाइबल, उत्पत्ति १७:११). http://2nobib.com/index.php?title=Genesis_17/hi अपितु यहूदी को परब्रह्म से प्राप्त ईश्वरीय शक्तियों से वंचित कराने वाला आतताई मानता हूँ. न ही मैं खतना करने वाले मूर्ख मुसलमान को तथाकथित अल्लाह का अनुयायी ही. क्यों कि खतने का कुरान में ज़िक्र नहीं किया गया है. मुख्य विचार यह है कि इसका पालन करना अनिवार्य नहीं है और यह इस्लाम में प्रवेश करने की शर्त नहीं है. फिर भी मुसलमान गाजे बाजे के साथ स्वेच्छा से खतना कराते हैं और स्वयं को परब्रह्म से प्राप्त ईश्वरीय शक्तियों से वंचित कर लेते हैं. विवरण के लिए नीचे की लिंक क्लिक करें:- अब्रह्मी संस्कृतियों के तथाकथित पैगम्बरों मूसा और मोहम्मद ने, जेहोवा और अल्लाह के आड़ में मनुष्य के शक्ति पुंज इसी वीर्य को एन केन प्रकारेण छीन कर, किसान के बैल की भांति, दास बनाने का घृणित अपराध किया. ईसाई व मुसलमान दया के पात्र हैं. दंडकेपात्र तो जेहोवा व अल्लाह को गढ़नेवाले पैगम्बर व उनके उत्तराधिकारी शासक व पुरोहित हैं. इंद्र ने विश्वामित्र को परास्त करने के लिए मेनका का उपयोग किया. पैगम्बरों ने अधीन करने के लिए अपने अनुयायियोंको धरतीकी सभीनारियां सौंप दी हैं. चर्च से घोषणा की जाती है, “केवल उन्हें ही जीवित रहने का अधिकार है, जो ईसा का दास बने| (बाइबल, लूका १९:२७). क्या मानवमात्र से स्वराज्य का अधिकार छीनने वाले जारज और प्रेत ईसा को धरती पर रहने का अधिकार है? स्वर्ग उन्हें ही मिलेगा, जो बपतिस्मा ले| एलिजाबेथ के साम्राज्य विस्तारवादी प्रेत और जारज ईसा को अर्मगेद्दन द्वारा धरती पर केवल अपनी पूजा करानी है| क्या यही उपासना की आज़ादी है? मस्जिदों से मुअज्ज़िन/ईमाम काफिरों के इष्टदेवों की निंदा करते हैं और हर शुक्रवार को काफिरों को कत्ल करने की मुसलमानों को शिक्षा देते हैं. क्या मस्जिद और अज़ान समाप्त नहीं होने चाहियें? मकतबों के मौलवियों को, जो काफिरों को कत्ल करने और नारी बलात्कार की शिक्षा देते हैं, सरकार वेतन देती है. स्कूलों में उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति की गई है, जब कि उर्दू और अंग्रेजी में लिपि और उच्चारण की त्रुटियाँ हैं. क्या धरती की सबसे समृद्ध, वैज्ञानिक और गणक (computer) के लिए सबसे उपयुक्त संस्कृत भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति और निःशुल्क शिक्षा देने वाले गुरुकुलों को पुनर्जीवित नहीं किया जाना चाहिए? कुरान के अनुसार अल्लाह व उसके इस्लाम ने मानव जाति को दो हिस्सों मोमिन और काफ़िर में बाँट रखा है| धरती को भी दो हिस्सों दार उल हर्ब और दार उल इस्लाम में बाँट रखा है| (कुरान ८:३९). काफ़िर को कत्ल करना व दार उल हर्ब धरती को दार उल इस्लाम में बदलना मुसलमानों का जिहाद और असीमित संवैधानिक मौलिक मजहबी अधिकार है| [भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१)]. पुलिस संरक्षण में मस्जिदों से प्रतिदिन ५ बार नियमित रूप से और नियमित समय पर लाउडस्पीकर पर अज़ान यानी ईशनिंदा का प्रसारण किया जाता है और काफिरों को कत्ल करने के खुत्बे दिए जाते हैं| काफिरों को अज़ान और ‘कलिमा’ द्वारा चेतावनी दी जाती है, "ला इलाहलिल्लाहू मुहम्मद्दुर रसुल्ल्लाहू". इस अरबी वाक्य का अक्षरशः अर्थ है, “केवल अल्लाह की पूजा हो सकती है. मुहम्मद अल्लाह का रसूल है|” क्या यही धार्मिक आज़ादी है? महामहिम सहित नागरिक ब्रिटिश उपनिवेश के अधिकारहीन दास हैं| मैं महामहिम को एलिजाबेथ की दासता से मुक्ति दिलाना चाहता हूँ. क्या महामहिम मुक्ति लेना चाहेंगे? क्या महामहिम जी को नहीं लगता कि उनके जीवित बचने और सम्पत्ति रखने के सारे मार्ग बंद कर दिए गए हैं? क्या सम्पत्ति के लुटेरे, अज़ान, नमाज़ और खुत्बों को संरक्षण देने वाले उपनिवेश को समाप्त नहीं किया जाना चाहिए? और अंत में यह भी बता दूं कि इस्लाम और ईसाइयत को मानवजाति के लूट, नारी बलात्कार व नरसंहार के लिए पैदा किया गया है. इन संस्कृतियों को धरती पर रहने का अधिकार ही नहीं है| इमाम अज़ान, नमाज़ और खुत्बों द्वारा प्रतिदिन महामहिम व विश्व के सर्वशक्तिमान ओबामा सहित सभी अविश्वासियों के हत्या की, नारियों के बलात्कार की, लूट की और उपासना स्थलों के विध्वंस की निर्विरोध चेतावनी देते रहते हैं| फिरभी राष्ट्रपति ओबामा सहित सभी शासकों ने भय वश नहीं, बल्कि मानवमात्र को दास बनाने के रणनीति के अंतर्गत, अपना जीवन, धन, नारियां और सम्मान इस्लाम के चरणों में डाल रखा है और दया की भीख मांगने को विवश हैं| अब्रह्मी संस्कृतियों का कोई आलोचक जीवित नहीं छोड़ा जाता. चाहे वह आसमा बिन्त मरवान हों, या अम्बेडकर या शल्मान रुश्दी हों, या तसलीमा नसरीन या जगतगुरु अमृतानंद देवतीर्थ या साध्वी प्रज्ञा हों अथवा मैं| विवरण के लिए नीचे की लिंक क्लिक करें:- http://society-politics.blurtit.com/23976/how-did-galileo-die- http://www.aryavrt.com/asma-bint-marwan http://www.aryavrt.com/asama-binta-maravana यह भी जान लें कि आतताई अब्रह्मी संस्कृतियों को संरक्षण देने के विरोध में उपरोक्त सच्चाइयों को लिखने के कारण ही मैं ४२ बार जेल गया हूँ. अब तक मुझ पर ५० अभियोग चले हैं, जिनमे से ५ आज भी लम्बित हैं. मेरे ९ सहयोगी मालेगांव मस्जिद बम कांड व अन्य आरोपों में सन २००८ से जेलों में हैं. अतएव उपरोक्त सच्चाइयों को लिखने का किसी के पास साहस नहीं है. मैं इसलिए लिख पा रहा हूँ, क्यों कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं बचा है और मुझे मरने से भय नहीं है. यह युद्ध हमारे अतिरिक्त कोई नहीं लड़ सकता. जिसे अपना कल्याण चाहिए, हमारी सहायता करे. नहीं तो मानवजाति के अस्तित्व को मिटने से कोई नहीं रोक सकता. हमारे झूठे अभियोग वापस नहीं लिए जा रहे हैं ताकि मुझे कभी भी कत्ल किया जा सके. सन २००९ से साध्वी प्रज्ञा की मुक्ति के लिए बिना कार्यवाही के वेबसाइट पर हमारी याचिकाएं उपलब्ध है. विवरण के लिए नीचे की लिंक क्लिक करें:- http://chn.ge/1hQCDy1 अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी (सू० स०) फोन: (+९१) ९८६८३२४०२५/९१५२५७९०४१
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