Mujahana•
Bilingual-Weekly• Volume 18 Year 18 ISSUE 50, Dec. 06- Dec. 12, 2013. This issue is Muj13W50 Masjid Kyon Muj13W50 Masjid Kyon यह आग्रह हम किसी जज, राष्ट्रपति और राज्यपाल से नहीं कर रहे हैं| क्यों कि इन लोगों ने अपने पद, प्रभुता और पेट के लिये अपना सम्मान खो दिया है| अपनी नारियां ईसाइयत और इस्लाम को सौंप दी हैं| अपने जीवन का अधिकार खो दिया है| {(बाइबल, लूका १९:२७) और (कुरान, ८:३९)} सोनिया के लिए नागरिकों को लूटने की शपथ ली है| भारतीय संविधान का अनुच्छेद ३९(ग) भारतीय संविधान के अनुच्छेद ६० व १५९ के साथ पठित| हम इस लिए प्रताड़ित हो रहे हैं, कि हम जेहोवाः और अल्लाह को ईश्वर मानने के लिए तैयार नहीं हैं| अज़ान व नमाज को पूजा मानने के लिए तैयार नहीं हैं| हम अज़ान का विरोध कर रहे व मस्जिद, जहां से हमारे ईश्वर की निंदा की जाती है, को नष्ट कर रहे हैं| आइये इस धर्म युद्ध में हमारा साथ दीजिए| अपना नहीं तो अपने दुधमुहों और अपनी नारियों पर तरस खाइए| (बाइबल, याशयाह १३:१६) व (कुरान २३:६). हम जो भी कर रहे हैं, भारतीय दंड संहिता की धारा १०२ से प्राप्त प्राइवेट प्रतिरक्षा में कर रहे हैं| मस्जिद और अज़ान के विशेष विवरण के लिये नीचे की लिंक पर क्लिक करें:- हम ईसाइयत और इस्लाम के विरोधी हैं| हमारे ९ अधिकारी मक्का, मालेगांव आदि के विष्फोट में बंद हैं| आप सहयोग दें तो हम अभिनव भारत और आर्यावर्त के लोग आतताई इस्लाम व उसकी मस्जिदें नहीं रहने देंगे| हमने बाबरी ढांचा गिराया है| क्यों कि यदि आतताई ईसाइयत और इस्लाम धरती पर रहेंगे तो कोई मंदिर नहीं बच सकता| किसी नारी की मर्यादा नहीं बच सकती| मैकाले ने निःशुल्क ब्रह्मचर्य के शिक्षा केंद्र गुरुकुलों को मिटाकर, किसान द्वारा सांड़ को बैल बनाकर दास के रूप में उपयोग करने की भांति, महँगी वीर्यहीन करने वाली यौनशिक्षा थोपकर मानवमात्र को अशक्त तो सन १८३५ के बाद ही कर दिया| २६ जनवरी, १९५० से, माउन्टबेटन ने, इंद्र के मेनका की भांति, अपनी पत्नी एडविना को नेहरू व जिन्ना को सौंप कर, ब्रिटिश उपनिवेश इंडिया पर मृत्यु के फंदे व परभक्षी भारतीय संविधान को लादकर आप को अशक्त और पराजित कर रखा है| आप से आप की अपनी ही धरती छीन कर ब्रिटिश उपनिवेश बना लिया और आप जानते तक नहीं! मजहब के आधार पर पुनः दो भाग कर इंडिया और पाकिस्तान बना दिया| (भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, १९४७). माउन्टबेटन को इससे भी संतुष्टि नहीं हुई| उसने मौत के फंदे व परभक्षी भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) का संकलन करा कर सदा सदा के लिए आप की धरती को छीन कर संयुक्त रूप से हत्यारे, लुटेरे और बलात्कारी दास मुसलमानों और ईसाइयों को सौंप दिया| राष्ट्रपति और राज्यपाल वैदिक सनातन संस्कृति को समूल नष्ट करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६ द्वारा ईसाइयत और इस्लाम का परिरक्षण {भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१) व दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६}, संरक्षण {अल्पसंख्यक आयोग, मुस्लिम निजी कानून व वक्फ} और प्रतिरक्षण {अज़ान और मस्जिद की प्रतिरक्षा, मदरसों, उर्दू शिक्षकों, मस्जिदों से अज़ान द्वारा ईशनिंदा व काफिरों को कत्ल करने की शिक्षा देने के बदले वेतन और हज अनुदान} करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद ६० व १५९ के अधीन विवश कर दिए गये हैं| अपने पद, प्रभुता और पेट के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल को भारतीय संविधान और कानूनों के परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण की शपथ लेनी ही पड़ेगी| यानी राष्ट्रपति और राज्यपाल हर ईसाई (बाइबल, लूका १९:२७) व मुसलमान (कुरान, सूरह अल अनफाल ८:३९) को अपनी ही हत्या का अधिकार देने व अपनी वैदिक सनातन संस्कृति को मिटाने के लिए विवश हैं| ईमाम, जिन मस्जिदों से आप के हत्या की शिक्षा देते हैं, वैदिक सनातन संस्कृति को मिटाने की, काफिरों के नरसंहार की और काफिरों के इष्टदेवों की निंदा करते हैं, उनको सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश (एआईआर, एससी, १९९३, प० २०८६) पर राष्ट्रपति और राज्यपाल, वेतन दिलाते हैं| पुलिस संरक्षण देते हैं| काफिरों के कर के पैसे से मस्जिदों और हज भवनों का निर्माण कराते हैं| जो भी काफ़िर हत्या और ईशनिंदा के केंद्र मस्जिदों या ईमामों का विरोध करे – उसकी हत्या का निर्देश कुरान में (कुरआन ८:१७) है – जिसके विरुद्ध कोई जज सुनवाई ही नहीं कर सकता| (एआईआर, कलकत्ता, १९८५, प१०४). इतना ही नहीं! विरोध करने वालों को भारतीय दंड संहिता की धाराओं १५३ व २९५ के अधीन-राष्ट्रपति या राज्यपाल की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६ की संस्तुति द्वारा, जजों से, उत्पीडित कराया जा रहा है| यानी मानवजाति का संहार| वीर्य महिमा के समर्थन में मुझे वर्तमान में एक ही प्रमाण देना है| शेर से कई गुने भारी हाथी सदैव झुण्ड में चलते हैं| फिर भी अकेले शेर से परास्त होते हैं| क्योंकि हाथी कामी होता है और शेर जीवन में एक बार सम्भोग करता है| अतः वीर्यवान| विद्या मात्र ब्रह्मविद्या है और ज्ञान मात्र ब्रह्मज्ञान| वीर्यरक्षा के बिना ब्रह्मज्ञान सम्भव नहीं| वीर्यरक्षा की शिक्षा गुरुकुलों में निःशुल्क दी जाती थी, जिसे मानवमात्र को भेंड़ बनाने के लिए मैकाले ने मिटा दिया| ईश्वर ने मनुष्य को वीर्य के रुप में अपनी सारी शक्ति दी है। जेहोवा और अल्लाह मूसा और मुहम्मद के बिचौलिये और मनुष्य को दास बना कर लूटने के लिए मुखौटे हैं| इनका अस्तित्व ही नहीं है| मनुष्य के वीर्य की शक्ति को मिटाने का प्रथम प्रयास मूसा ने किया| मुहम्मद ने मूसा का नकल किया| सैतानों मूसा और मुहम्मद ने खतना को मजहब से जोड़ दिया है| किसान को सांड़ को दास बना कर खेती के योग्य बैल बनाने के लिए सांड़ का बंध्याकरण करना पड़ता है, लेकिन लूट और यौनाचार के लोभ में यहूदी और मुसलमान मजहब की आड़ में स्वेच्छा से गाजे बाजे के साथ वीर्यहीन बनने के लिए खतना कराते हैं और स्वेच्छा से अपने ब्रह्मतेज को गवां देते हैं| यहाँ विश्वामित्र और मेनका का प्रसंग प्रासंगिक है| इंद्र ने वीर्यवान विश्वामित्र को पराजित करने के लिए मेनका का उपयोग किया| मूसा और मुहम्मद ने तो इंद्र की भांति धरती की सभी नारियां मुसलमानों और ईसाइयों को सौंप रखी हैं| (बाइबल, याशयाह १३:१६) व (कुरान २३:६). इतना ही नहीं ईसा ने बेटी (बाइबल, १, कोरिन्थिंस ७:३६) से विवाह की छूट दी है| अल्लाह ने मुहम्मद का निकाह उसकी पुत्रवधू जैनब (कुरान, ३३:३७-३८) से किया और ५२ वर्ष के आयु में ६ वर्ष की आयशा से उसका निकाह किया| यहूदी या मुसलमान किसको पसंद करेंगे? महामूर्ख यहूदी (बाइबल, उत्पत्ति २:१७) या मुसलमान (कुरान २:३५) किसको पसंद करेंगे? ईश्वर को, जो उस के रग रग में सदा उस के साथ है, या जेहोवा अथवा अल्लाह को, जो सातवें आसमान पर बैठा है और अपने अनुयायियों से मिल ही नहीं सकता? ईश्वर को, जो उस को आरोग्य, ओज, तेज, ८ सिद्धि, ९ निधि और स्मृति का स्वामी बनाता है या जेहोवा अथवा अल्लाह को, जो उनका खतना करा कर दास व अपराधी बनाते हैं? ईश्वर को, जो उन को किसी भी देवता के उपासना की स्वतंत्रता देता है अथवा जेहोवा अथवा अल्लाह को, जो मानवमात्र के उपासना की स्वतंत्रता छीनते और दास बनाते हैं? चीन के युद्ध विशेषज्ञ सन चू ने कहा है – शत्रु की रणनीति जानो, तुम पराजित नहीं हो सकते और बिना युद्ध लड़े ही शत्रु को शक्तिहीन और पराजित कर वश में कर लेना सर्वोत्तम है| ब्रिटिश उपनिवेश इंडिया का हर लोकसेवक बिना लड़े ही वीर्यहीन, पराजित व दास हो कर अपने ही सर्वनाश का उपकरण बन गया है| लोकसेवक अपनी ही सन्ततियों और वैदिक सनातन संस्कृति को मिटाने के लिए नियुक्त किये गए हैं| पराधीन लोकसेवक बेबस हैं| एक बार बाला सोनिया ने, निर्विरोध, पूरे मानव जाति को वीर्यहीन कर, सबके प्राणों को संकट में डाल कर, अपने अधीन कर रखा है| एक ओर आप के वैदिक सनातन संस्कृति की वीर्यवान ब्रह्मचारी बना कर आप के ईशत्व को दिलाने वाले निःशुल्क गुरुकुल हैं और दूसरी ओर यौनशिक्षा वाली मंहंगी दास बनाने वाली शिक्षा ईसाइयत और इस्लाम| निर्णय मानवजाति को करना है कि वह किसे चुनेगी? सोनिया ने सत्ता में आते ही जगतगुरु जयेंद्र को दीपावली की रात में बंदी बनाया| सभी अभियुक्तों के साथ वे निर्दोष छूट गए हैं| जिसके ईसा के बाप का ही पता नहीं है, जिसके मजहब के घर-घर में कुमारी माताएं मिलती हैं और जो स्वयं बार बाला है – वह आप के संतों को रोज यौन शोषण में प्रताड़ित करा रही है| आइये आतताई मजहबों ईसाइयत और इस्लाम के संरक्षक भारतीय संविधान को मिटायें| अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी, फोन ९१५२५७९०४१
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