Mujahana•
Bilingual-Weekly• Volume 18 Year 18 ISSUE 20, May 10-16, 2013. This issue is Muj13W20 Loksevak लोकसेवक प्रजातंत्र नहीं सोनियातंत्र इंडिया में गणतंत्र नहीं जेसुइट सोनिया के लिए, सोनिया द्वारा चुनागया सोनियातंत्र है| ईसाईयों व सोनिया सहित इंडिया के नागरिक ईसा की भेंड़े हैं| इंडिया के ईसाई व मुसलमान सहित किसी नागरिक के पास न जीने का अधिकार है और न पूँजी व सम्पत्ति रखने का| भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१) व ३९(ग). सर्वविदित है कि प्रेसिडेंट महामहिम प्रणब दादा का मनोनयन सोनिया ने किया| प्रधानमंत्री, सभी राज्यपाल व सभी कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्य मंत्री सोनिया द्वारा मनोनीत हैं| चुनाव द्वारा भी अनुच्छेद २९(१) व ३९(ग) में कोई परिवर्तन सम्भव नहीं| फिर चुनाव की नौटंकी किसलिए? यदि सोनिया को ही देश का सुपर प्रधानमंत्री बनना था तो विक्टोरिया में क्या बुराई थी? एलिजाबेथ में क्या बुराई है? क्यों बहाए हमारे पूर्वजों ने रक्त? कौन है सोनिया? आर्य अपनी बेटी या पुत्रवधू से विवाह नहीं करते| जब कि हर ईसाई को सोनिया के ईसा ने अपनी बेटियों से विवाह का अधिकार दिया है| (बाइबल, १, कोरिन्थिंस ७:३६) और अल्लाह ने पुत्रवधू से निकाह का अधिकार| (कुरान, ३३:३७-३८). मुसलमान व ईसाई के पास किसी भी नारी के बलात्कार का भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) से अधिकार प्राप्त है| [(कुरान २३:६) (बाइबल, याशयाह १३:१६)]. आर्य ईसा को अपना राजा स्वीकार नहीं करते| (बाइबल, लूका १९:२७). आर्य संसार को पापस्थल और सबको पापी स्वीकार नहीं करते| आर्य यह भी स्वीकार नहीं करते कि यदि वे बपतिस्मा नहीं लेते तो उन्हें स्वर्ग नहीं मिलेगा और वे नर्क में जायेंगे और सदा नर्क की आग में जलते रहेंगे| आर्य यह भी स्वीकार नहीं करते कि यदि वे बपतिस्मा ले लेंगे तो स्वर्ग जायेंगे और ईसा के साथ सदा रहेंगे| उनके सारे अपराध क्षमा कर दिए जायेंगे, चाहे उन्होंने कितने भी कत्ल, बलात्कार और लूट-मार किये हों! आर्य विवेक में विश्वास करते हैं, जिसे ईसाइयों से जेहोवा छीन लेता है| (बाइबल, उत्पत्ति २:१७). ईसाई अकाट्य प्रमाणों के बाद भी विश्वास कर रहे हैं कि जारज(जार्ज) व प्रेत ईसा जेहोवा का इकलौता पुत्र है, जो तलवार चलवाने (बाइबल, मत्ती १०:३४) व मानवता को कत्ल कराने नहीं (बाइबल, लूका १९:२७) आया, बल्कि मूर्ख (बाइबल, उत्पत्ति २:१७) ईसाइयों को मुक्ति दिलाने आया है| परिवार में शत्रुता पैदा कराने नहीं, अपितु प्रेम, सदाचार, सम्मान व मर्यादा स्थापित कराने आया है| (बाइबल, मत्ती १०:३५-३६) व (बाइबल, लूका १२:५१-५३). राज्यपाल की विशेषता यह है कि वह जनता का चुना प्रतिनिधि नहीं होता, बल्कि सोनिया का मनोनीत प्रदेश का शासक होता है, जिसे सोनिया जब चाहे उसके पद से हटा सकती है| यद्यपि राज्यपाल जनता का प्रतिनिधि नहीं होता, फिर भी जनता द्वारा चुनी हुई किसी भी सरकार को हटा कर राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है| यह स्थिति वैदिक सनातन संस्कृति के समूल नाश का मार्ग सुदृढ़ कर रही है| चुनाव द्वारा भी इनमें कोई परिवर्तन सम्भव नहीं| भारतीय संविधान का संकलन ईसाइयत और इस्लाम को इंडिया में वैदिक सनातन धर्म के अनुयायियों के नरसंहार व सबको अपना दास बनाने के लिए किया गया है| जहां ईसाइयत और इस्लाम को भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) के अधीन अपनी संस्कृतियों को बनाये रखने का असीमित मौलिक अधिकार है, वहीँ लोकसेवकों को वैदिक सनातन धर्म को बनाये रखने का कोई अधिकार नहीं है| ईसा ने स्वयं को मानव मात्र का राजा घोषित कर रखा है। (बाइबल, लूका १९:२७). जो ईसा को राजा स्वीकार न करे उसे कत्ल करने का प्रत्येक ईसाई को संवैधानिक अधिकार है। इस्लाम ने मानव जाति को दो हिस्सों मोमिन और काफ़िर में बाँट रखा है| धरती को भी दो हिस्सों दार उल हर्ब और दार उल इस्लाम में बाँट रखा है| (कुरान ८:३९). इस्लाम का अनुयायी काफ़िर की हत्या करने के लिए विवश है| काफ़िर को कत्ल करने व दार उल हर्ब धरती को दार उल इस्लाम में बदलने के लिए मुसलमान और धरती पर ईसा का राज्य स्थापित करने के लिये ईसाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) से अधिकृत हैं| भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६ के अधीन, राष्ट्रपति, राज्यपाल व जज, इनके असीमित मौलिक मजहबी अधिकार स्वीकार करने के लिए विवश हैं| (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६), (भारतीय संविधान के अनुच्छेद ६० व १५९), (एआईआर, एससी, १९९३, प० २०८६) और (एआईआर, कलकत्ता, १९८५, प१०४). चुनाव द्वारा भी इनमें कोई परिवर्तन सम्भव नहीं| मुसलमान काफिरों की हत्या करने से स्वर्ग पाएंगे| खूनी ईसाइयत और इस्लाम को मिटाने के लिये लोकसेवक के पास भारतीय दंड संहिता की धारा १०२ के अंतर्गत प्राइवेट प्रतिरक्षा का अधिकार है| अतः निर्णय लोकसेवक करें कि वे ईसाइयत और इस्लाम को धरती पर रहने देंगे या नहीं| दया के पात्र लोकसेवकों ने जीविका, पद और प्रभुता हेतु अपनी सम्पत्ति व पूँजी रखने का अधिकार स्वेच्छा से त्याग दिया है| भारतीय संविधान के अनुच्छेद ३१ व ३९(ग). अपने जीवन का अधिकार खो दिया है| [बाइबल, लूका, १९:२७ और कुरान २:१९१, भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१) के साथ पठित|] अपनी नारियां ईसाइयत और इस्लाम को सौँप दी हैं| (बाइबल, याशयाह १३:१६) और (कुरान २३:६). इसके बदले में लोकसेवकों को किसी की भी सम्पत्ति और उत्पादन के साधन लूटने का, बेटी (बाइबल १, कोरिन्थिंस ७:३६) से विवाह व पुत्रवधू (कुरान, ३३:३७-३८) से निकाह करने का अधिकार और तब तक अभियोजन से छूट मिला है, जब तक लोकसेवक वैदिक सनातन संस्कृति मिटायें और लूट में से सोनिया या उसके मातहतों को हिस्सा दें| देश की सत्ता के शिखर पर कैथोलिक ईसाई सोनिया भी है और मुसलमान हामिद भी! दोनों के भारतीय संविधान के अनुच्छेद २९(१) से रक्षित, पोषित और प्रोत्साहित हठधर्मी सिद्धांत हैं, "परन्तु मेरे उन शत्रुओं को जो नहीं चाहते कि मै उन पर राज्य करूं, यहाँ लाओ और मेरे सामने घात करो|" (बाइबल, लूका १९:२७) और "और तुम उनसे (काफिरों से) लड़ो यहाँ तक कि फितना (अल्लाह के अतिरिक्त अन्य देवता की उपासना) बाकी न रहे और दीन (मजहब) पूरा का पूरा (यानी सारी दुनियां में) अल्लाह के लिए हो जाये|" (कुरान, सूरह अल अनफाल ८:३९). वैदिक सनातन धर्म मिटाना दोनों का घोषित कार्यक्रम है| जब वैदिक सनातन संस्कृति मिट जाएगी तो अर्मगेद्दन के लिए ईसा इस्लाम को भी मिटा देगा| ईसा दस करोड से अधिक अमेरिकी लाल भारतीयों व उनकी माया संस्कृति को निगल गया| अब विश्व के सभी धर्मों को नष्ट कर केवल अपनी पूजा कराएगा! Http://en.wikipedia.org/wiki/Armageddon इसके अतिरिक्त देश की छाती पर सवार जेसुइट सोनिया ने निम्नलिखित शपथ ली हुई है:- “… मै यह भी प्रतिज्ञा करती हूँ कि जब भी अवसर आएगा, मै खुले रूप में पंथद्रोहियों से, फिर वे प्रोटेस्टैंट हों या उदारवादी, पोप के आदेश के अनुसार, युद्ध करूंगी और विश्व से उनका सफाया करूंगी और इस मामले में मै न उनकी आयु का विचार करूंगी, न लिंग का, न परिस्थिति का| मै उन्हें फांसी पर लटकाऊंगी, उन्हें बर्बाद करूंगी, उबालूंगी, तलूंगी और (उनका) गला घोटूंगी| इन दुष्ट पंथ द्रोहियों को जिन्दा गाडून्गी| उनकी स्त्रियों के पेट और गर्भाशय चीर कर उनके बच्चों के सिर दीवार पर टकराऊँगी, जिससे इन अभिशप्त लोगों की जाति का समूलोच्छेद हो जाये| और जब खुले रूप से ऐसा करना सम्भव न हो तो मै गुप्त रूप से विष के प्याले, गला घोटने की रस्सी, कटार या सीसे की गोलियों का प्रयोग कर इन लोगों को नष्ट करूंगी| ऐसा करते समय मै सम्बन्धित व्यक्ति या व्यक्तियों के पद, प्रतिष्ठा, अधिकार या निजी या सार्वजनिक स्थिति का कोई विचार नहीं करूंगी| पोप, उसके एजेंट या जीसस में विश्वास करने वाली बिरादरी के किसी वरिष्ठ का जब भी, जैसा भी निर्देश होगा, उसका मै पालन करूंगी|” http://www.reformation.org/jesuit_oath_in_action.html सोनिया, उसके बेटा, बेटी और दामाद सभी कैथोलिक ईसाई हैं| इंडिया के उन नागरिकों, जिन्होंने वोट देकर सोनिया व राहुल को संसद में भेजा है, को सोनिया और राहुल इंडिया के मुसलमानों सहित अपने मतदाताओं के आँखों के सामने मतदाताओं के घर लूट कर, उनके बच्चों को पटक कर मरवा कर और उनकी नारियों का बलात्कार करा कर धन्यवाद देंगे| (बाइबल, याशयाह १३:१६) मस्जिदों और चर्चों से ईशनिंदा का प्रसारण और जाति हिंसक शिक्षायें, जो भारतीय दंड संहिता की धाराओं १५३ व २९५ के अधीन राज्य के विरुद्ध गैर जमानती संज्ञेय अपराध है – यदि मुसलमान व ईसाई करे तो अपराध नहीं मानी जातीं| लेकिन भारतीय दंड संहिता की धाराओं १०२ व १०५ के अधीन अपराधी संस्कृतियों ईसाइयत और इस्लाम का विरोध करने वाले व्यक्ति पर अभियोग चलाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १९६ के अधीन संस्तुति देने के लिए राष्ट्रपति और राज्यपाल दोनों ही विवश हैं| इस धारा की बाध्यता के कारण राष्ट्रपति, राज्यपाल और जिलाधीश के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति-यहाँ तक कि जज व पुलिस भी नहीं-अज़ान का प्रसारण करने वाले और काफिरों को कत्ल करने की शिक्षा देने वाले किसी इमाम के विरुद्ध अभियोग नहीं चला या चलवा सकता| लोकसेवक मुझे भूल जाएँ| अपनी, भावी पीढ़ी और अपनी संस्कृति की रक्षा करें| अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी, फोन ९१५२५७९०४१
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