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माननीय अखिलेश जी से निवेदन
आर्यावर्त सरकार के कुलपति जगत गुरु स्वामी अमृतानंद
देवतीर्थ (मालेगांव के अभियुक्त) और उनके मंत्रिमंडल की ओर से मै अयोध्या प्रसाद
त्रिपाठी, सूचना सचिव, आप से मानव जाति के हित में निम्नलिखित निवेदन करता हूँ:-
जब तक भारतीय संविधान
है आप को शासन करने,
जीवित रहने, सम्पत्ति व पूँजी रखने और नारी रखने का अधिकार नहीं है| आप वैदिक सनातन धर्म नहीं बचा सकते और न मंदिर
रख सकते हैं| {भारतीय
संविधान का अनुच्छेद २९(१)},
(बाइबल, व्यवस्था
विवरण १२:१-३) व (कुरान, बनी
इस्राएल १७:८१ व कुरान, सूरह
अल-अम्बिया २१:५८). न सोनिया को मंदिरों व मठों को लूटने से रोक सकते हैं|
दंप्रसंकीधारा१९७.
यदि आप स्वयं का एवं मानव जाति का भला करना और अखंड साम्राज्य चाहते हों तो
गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करिये| अपनी प्रजा को सम्पत्ति और पूँजी
रखने का अधिकार दीजिए| गायत्री, गीता, गंगा और गो वैदिक सनातन धर्म की आधार शिलाएं
हैं| इन को मिटाया जा रहा है| बैल आधारित खेती
और गो वंश की वृद्धि को प्रोत्साहित कीजिए| आप पुनः इंडिया को सोने की चिड़िया भारत
बना देंगे|
आप कृष्ण के वंशज है, जिन्होंने मानव जाति को गीता में उल्लिखित निष्काम कर्म
योग का उपदेश दिया है| आप को उपासना की स्वतंत्रता दिया है (गीता ७:२१) और बताया
है कि दूसरे का मजहब भय देने वाला है| दोनों श्लोक नीचे देखें,
श्रेयान्स्वधर्मो
विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात् ।
स्वधर्मे निधनं
श्रेयः परधर्मो भयावहः ॥ (गीता
३:३५)
भावार्थ : अच्छी प्रकार आचरण में लाए हुए दूसरे के
धर्म से गुण रहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में तो मरना भी कल्याणकारक
है और दूसरे का धर्म भय को देने वाला है|
(गीता ३:३५)
यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रध्यार्चितुमिच्छति|
तस्य तस्याचलां श्रधां तामेव विदधाम्यहम|| (गीता ७:२१)
जो जो भक्त जिस जिस देवता की श्रद्धापूर्वक पूजा करना चाहता है, उस-उस देवता
के प्रति मै उसकी श्रद्धा को दृढ़ कर देता हूँ| (गीता ७:२१)
मुसलमान और ईसाई
लोग स्वेच्छा से दासता स्वीकार करते हैं, इसीलिए शासकों से संरक्षण और सहायता पा
रहे हैं. इसके अतिरिक्त मुसलमान (कुरान ८:३९) और ईसाई (बाइबल, लूका १९:२७) दोनों ही स्वयं दास हैं और
मानवमात्र को दास बनाने के लिए युद्धरत हैं, ताकि उनको मूर्खों का स्वर्ग मिले. [(बाइबल, उत्पत्ति २:१७) व (कुरान २:३५)]. {भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१)}
इन परिस्थितियों
में मानवमात्र को उपासना और सम्पत्ति की स्वतंत्रता देने वाले वैदिक सनातन धर्म को
मिटाना विश्व
राजनीति का आवश्यक अंग बन गया
है. अतएव यदि वैदिक सनातन धर्म बचाना हो तो ईसाइयत और इस्लाम का समूल नाश आवश्यक
है.
दैवी शक्तियाँ,
परमानन्द और निरोग जीवन चाहिए तो गुरुकुलों को पुनर्जीवित करिये|
वीर्यवान सांड को
बांधा भी नहीं जा सकता. दास (बैल) बनानेकेलिए किसान सांड़को वीर्यहीन करदेताहै| वीर्यहीन
होते ही वह बैल बन कर किसान के लिए अन्न पैदा करता है, जिसे किसान स्वयं खा जाता
है और बैल को भूसा खिलाता है| दास बनानेहेतु पैगम्बरोंने बलात्कार, खतना व कुमारी माताओं को मजहबसे जोड़दिया|
वीर्यहीन व्यक्ति अपनी
इन्द्रियों और शक्तिवान का दास ही बन सकता है, स्वतन्त्र नहीं रह सकता| वीर्यहीन व्यक्ति का मानवाधिकार नहीं
होता| वीर्य हीन मनुष्य रोगग्रसित चलता फिरता मुर्दा और दास है| मल ही बल है और वीर्य ही जीवन| वीर्य
अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों का दाता, स्वतंत्रता, परमानंद, ओज, तेज और स्मृति का
जनक है|
विद्या मात्र
ब्रह्मविद्या है और ज्ञान मात्र ब्रह्मज्ञान| वीर्यरक्षा के बिना ब्रह्मज्ञान सम्भव
नहीं| वीर्य के रक्षा की
शिक्षा गुरुकुलों में निःशुल्क दी जाती थी, जिसे मैकाले ने मिटा दिया| भारतीय संविधान
की शपथ लेने के कारण यदि
आप वैदिक सनातन धर्म और
मानव जाति की रक्षा नहीं कर सकते तो ईसाइयत और इस्लाम को मिटाने में अभिनव भारत और आर्यावर्त सरकार को सहयोग
दें|
शासक, समाजवाद, ईसाइयत और इस्लाम यहूदी और मुसलमान का खतना अथवा यौन
शिक्षा अथवा मुक्त यौन सम्बन्ध की आजादी के बहाने आप को वीर्य हीन बना कर दास बना
रहे हैं व ईसाई को भेंड़ बना रहे हैं| प्रजा तंत्र के ठग आप की नसबंदी
कराते हैं| हम वीर्यहीन बनने के लिए तैयार नहीं हैं| स्वतंत्रता और विवेक के लिए
इन मजहबों में कोई स्थान नहीं है| कुरान
२:३५ व बाइबल, उत्पत्ति
२:१७. हम गायत्री मंत्र द्वारा ईश्वर से बुद्धि को सन्मार्ग पर ले जाने की
प्रार्थना करते हैं| हमारी गीता मानव मात्र को उपासना की आजादी देती है| (गीता ७:२१), हम
जेहोवा और अल्लाह के उपासना की दासता स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं| अजान व
नमाज को पूजा मानने के लिए तैयार नहीं हैं| मैं
आतताई अल्लाह व जेहोवा को भगवान मानने के लिए तैयार नहीं हूँ और न अजान व नमाज को
पूजा मानता हूँ| हम
बेटी (बाइबल, १, कोरिन्थिंस ७:३६) से विवाह कराने वाले
ईसा व पुत्रवधू (कुरान, ३३:३७-३८) से निकाह कराने वाले अल्लाह
और धरती के किसी नारी के बलात्कार के बदले स्वर्ग देने वाले (बाइबल, याशयाह
१३:१६) व (कुरान २३:६) जेहोवा और अल्लाह को ईश्वर मामने के लिए तैयार नहीं हैं|
हम भारतीय संविधान, कुरान व बाइबल को मानवता का शत्रु मानते हैं और मस्जिद,
जहां से हमारे ईश्वर की निंदा की जाती है, को नष्ट कर रहे
हैं| हम जानना चाहते हैं कि अजान का विरोध और मस्जिद का विष्फोट अपराध कैसे है? जो भी ईसाइयत और इस्लाम का समर्थक है, मानव
जाति का शत्रु है| वह जीवित नहीं
बचेगा!
आप के अधीन गुप्तचरों का संगठन है| सच्चाई का पता लगाइए| आप के पिता श्री के राज्य
में हुतात्मा रामप्रसाद बिस्मिल के स्मारक की ३.३ एकड़ और मेरी १.८८ एकड़ भूमि
राजस्व अभिलेखों में बारम्बार हेरा फेरी कर लूटी गई है| न्यायपालिका भारतीय
संविधान के अनुच्छेद ३९(ग) और दंप्रसंकीधारा१९७ के आगे विवश है| मै पिछले २५
वर्षों से लुट रहा हूँ| जब आप के पिता श्री उस बिस्मिल को लूटने से बाज नहीं
आयेंगे, जिसके बलिदान के कारण आप मुख्य मंत्री हैं, तो आप को मिटने से कौन रोक
सकता है?
मेरे भूमि के मामले में तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय का ९ अगस्त, १९८९ का आदेश
है कि आप मुझे बदले में भूमि दे दें|
सत्ता पर पहुंचते ही आप ने प्रजा के हित में लम्बे चौड़े वादे किये हैं, आप क्या
करके दिखायेंगे? इसी पर आप के उत्तर प्रदेश राज्य का भविष्य निर्धारित होगा|
मैंने ९ जून, १९७५ में गोरखपुर के लाछिपुर थाना गोरखनाथ में एक २०० मीटर का
प्लाट खरीदा था| ९ फरवरी, १९९९ को उस भूमि का दुबारा बैनामा हो गया| पिछले १३
वर्षों से न्यायपालिका अभियुक्त को अभियोग पत्र तक न दे पाई| अब इलाहाबाद उच्च
न्यायालय ने इस स्टेट बनाम शिवमंगल ७०२४/२००० सिविल कोर्ट गोरखपुर में लम्बित वाद
में सुनवाई ही स्थगित कर दी है|
क्या आप न्याय करा पाएंगे?
भूमि के विक्रेता शिव मंगल की संधिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो चुकी है| क्रेता
वीर बहादुर एक डम्मी हैं| आज तक भूमि किसने खरीदी है, मुझे पता नहीं है| मै अब
गोरखपुर इसलिए नहीं जाता कि वीर बहादुर के साथ तारीख़ पर आने वाले लोग मेरी हत्या
करना चाहते हैं| और स्वयं वीर बहादुर ने मेरे अधिवक्ता को बताया है कि वह सोनिया
का आदमी है और कोई जज उसका कुछ नहीं बिगाड सकता|
चाहे वीरबहादुर मरे अथवा मै, ईसा का शत्रु मरेगा| जो बचेगा, उसकी फांसी पक्की|
यह ईसा की आज्ञा है (बाइबल, लूका १९:२७) और भारतीय
संविधान से प्राप्त सोनिया का असीमित मौलिक अधिकार भी! {भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१)}
इस मामले में मैंने सूचना के अधिकार के अधीन जानना चाहा था कि मेरे वाद में
इतना विलम्ब क्यों हो रहा है, तो सूचना मिली है कि न्यायपालिका सूचना देने के लिए
बाध्य नहीं है|
सच तो यह है कि जजों की नियुक्ति ही वादकारियों को लूटने के लिए की जाती है|
आप कहीं भी शिकायत भी नहीं कर सकते| दंप्रसंकीधारा१९७.
आप आगे जान जायेंगे कि आप सोनिया के दास हैं| तभी तक मुख्यमंत्री रह पाएंगे,
जब तक वैदिक सनातन धर्म मिटायेंगे| हिंदुओं की हत्याएं करायेंगे| अजान और
खुतबों/तकरीरों द्वारा मुसलमानों की गाली सुनेंगे और ईसाइयत और इस्लाम का संरक्षण, संवर्धन व पोषण करेंगे| जिस दिन सोनिया को रंगदारी देना बंद
करेंगे, अपने पिता श्री के साथ मधु कोड़ा व येदियुरप्पा की भांति जेल पहुँच
जायेंगे|
सम्पादक.