ईसाइयत और इस्लाम और उनके अनुयायियों को धरती पर रहने का अधिकार नहीं है| क्यों कि ईसाइयों को अर्मगेद्दन द्वारा ईसा का साम्राज्य स्थापित करने के लिए गैर-ईसाइयों का नरसंहार करना है और अल्लाह व उसके इस्लाम ने मानव जाति को दो हिस्सों मोमिन और काफ़िर में बाँट रखा है| धरती को भी दो हिस्सों दार उल हर्ब और दार उल इस्लाम में बाँट रखा है. (कुरान ८:३९) काफ़िर को कत्ल करना व दार उल हर्ब धरती को दार उल इस्लाम में बदलना मुसलमानों का मजहबी अधिकार है. (एआईआर, कलकत्ता, १९८५, प१०४). चुनाव द्वारा भी इनमें कोई परिवर्तन सम्भव नहीं| ईसा १० करोड़ से अधिक अमेरिकी लाल भारतीयों और उनकी माया संस्कृति को निगल गया. अब ईसा की भेंड़ सोनिया काले भारतीयों और उनकी वैदिक संस्कृति को निगल रही है| सोनिया के सहयोग से अर्मगेद्दन के पश्चात ईसा जेरूसलम को अपनी अंतर्राष्ट्रीय राजधानी बनाएगा| मुलायम के प्रिय इस्लाम सहित सभी मजहबों और संस्कृतियों को निषिद्ध कर देगा| केवल ईसा और उसके चित्र की पूजा हो सकेगी| बाइबल के अनुसार ईसा यहूदियों के मंदिर में ईश्वर बन कर बैठेगा और मात्र अपनी पूजा कराएगा| हिरण्यकश्यप की दैत्य संस्कृति न बची और केवल उसी की पूजा तो हो न सकी, अब ईसा की बारी है| विशेष विवरण नीचे की लिंक पर पढ़ें, http://www.countdown.org/armageddon/antichrist.htm आर्यावर्त सरकार, यदि आप सहयोग करें तो, इन खूनी संस्कृतियों को धरती पर नहीं रहने देगी|
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